विशेष योग्यजन एवं मानवाधिकार

  • राकेश कुमार

Abstract

सारांश: मात्र एक शब्दजाल बुन देने मात्र से मानवीय सोच में त्वरित व विशिष्ट तरह का परिवर्तन आ जायेगा, ऐसा नही है। आज भी विशेष योग्यजनों की वैसी प्रतिष्ठा नही मिल पाती, जिसके वे हकदार हैं। विशेष योग्यजनों को इसके लिये एकत्रित होकर अपनी प्रतिभा को पहचानते हुये गतिशील रहना होगा। साथ ही आवश्यकता है विशेष योग्यजनों के भीतर दबे किसी गुण व प्रतिभा को पहचान कर उनके अन्दर उपयुक्त कौशल का विकास करने की, तब जाकर सही मायने में उन्हें बेहतर जीवन हासिल हो पायेगा।

How to Cite
राकेश कुमार. (1). विशेष योग्यजन एवं मानवाधिकार . ACCENT JOURNAL OF ECONOMICS ECOLOGY & ENGINEERING ISSN: 2456-1037 IF:8.20, ELJIF: 6.194(10/2018), Peer Reviewed and Refereed Journal, UGC APPROVED NO. 48767, 5(2). Retrieved from http://www.ajeee.co.in/index.php/ajeee/article/view/165