TY - JOUR AU - डाॅ. सुषमा शाही PY - 1970/01/01 Y2 - 2024/03/28 TI - भाषागत परिवर्तन को आत्मसात् करती हिन्दी पत्रकारिता JF - ACCENT JOURNAL OF ECONOMICS ECOLOGY & ENGINEERING ISSN: 2456-1037 IF:8.20, ELJIF: 6.194(10/2018), Peer Reviewed and Refereed Journal, UGC APPROVED NO. 48767 JA - AJEEE VL - 5 IS - 5 SE - Articles DO - UR - http://www.ajeee.co.in/index.php/ajeee/article/view/1038 AB - भाषा की गुणवत्ता के लिए उसके आदर्ष और मानक रुप को स्थापित करना आज की आवष्यकता है। समय की मांग है कि भाषा क्लिष्टता के बोझ से हल्की और जनता तक पहँुचें। पत्रकारिता के बढते सामाजिक प्रभाव से जन सामान्य में भाषा को लेकर जन - जागृति न केवल प्रदेष स्तर पर बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी देखी जा सकती है। आज भाषा मानकीकृत रुप में नहीें बल्कि जन साधारण में प्रयोग की जाने वाली भाषा हैं। भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए उसे जन-साधारण का प्रयोग करना अनिवार्य है, परंतु भाषा के रूप को बिगाड़ना गलत है क्योंकि किसी भी देष की भाषा और शैली उस देष की संस्कृति की मूल होती है। भाषागत परिवर्तन को आत्मसात करना एक सराहनीय प्रयास है। परंतु उस सीमा तक जहां तक भाषा के मूल रूप में परिवर्तन न हो। ER -