TY - JOUR AU - डाॅ. आर. के. मौर्या PY - 1970/01/01 Y2 - 2024/03/28 TI - स्वच्छता के विकास में जनप्रतिनिधि का योगदान (भदोही जनपद के औराई विकास खण्ड की गोपपुर ग्राम सभा के विषेष सन्दर्भ में एक समाजषास्त्रीय अध्ययन) JF - ACCENT JOURNAL OF ECONOMICS ECOLOGY & ENGINEERING ISSN: 2456-1037 IF:8.20, ELJIF: 6.194(10/2018), Peer Reviewed and Refereed Journal, UGC APPROVED NO. 48767 JA - AJEEE VL - 5 IS - 10 SE - Articles DO - UR - http://www.ajeee.co.in/index.php/ajeee/article/view/1361 AB - स्वच्छता के इस राष्ट्रीय आन्दोलन के पीछे महज साफ-सफाई की इच्छा नही है। बल्कि स्वच्छता के इस मुद्दे के गंभीर सामाजिक परिणाम निहितार्थ हैं। विष्व बैंक ने अनुमान लगाया है कि भारत के लगभग 40 प्रतिषत बच्चें शारीरिक और संज्ञानात्मक रुप से अविकसित हैं और इसका मुख्य कारण है अस्वच्छता जो अक्सर दस्त जैसे घातक रोगों के फैलने के लिए जिम्मेदार होती हैं। अस्वच्छता से देष को भारी कीमत चुकानी पड़ती है क्योंकि इससे हमारी भावी पीढ़ियों का शारीरिक व मानसिक विकास पुरा नही हो पाता जिससे युवाओं में सक्षम कार्यबल नही मिल पाता है। स्वच्छता के आर्थिक प्रभाव पर यूनिसेफ के एक नवीन अध्ययन में अनुमान लगाया गया है कि खुले में शौचमुक्त गांव में प्रत्येक परिवार प्रतिवर्ष 10,000 रुपये बचाता है। यह बचत स्वच्छता के कारण चिकित्सा पर खर्चे में कमी आने, समय के बचत होने तथा जीवन की रक्षा हो जाने से होती है। फिर महिलाओं की सुरक्षा और गरिमा का मुद्दा जो खुले में शौच के कारण महिलाओं के साथ वारदातें होती हैं। ER -